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Showing posts from October, 2022

गोवर्धन की पूजा क्यों होती है

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गोवर्धन की पूजा क्यों होती है  गोवर्धन पूजा गोवर्धन की पूजा क्यों होती है इस पुरानी परंपरा को क्या नई युवा पीढ़ी भगवान गोवर्धन जी की पूजा करती है गोवर्धन की पूजा  है दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसमें भगवान कृष्‍ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। कढ़ी चावल के पकवानों को ‘अन्‍नकूट कहा जाता है। मान्यता है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी अंगुली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और मनुष्‍यों के जीवन को देवराज इंद्र के कोप से बचाया था। भगवान कृष्‍ण ने देवराज के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। उस द‍िन से ही गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई। इसे अन्‍नकूट पर्व भी कहते हैं। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा जाती हैं। तो जानते हैं गोवर्धन की पूजा क्यों की जाती है गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्‍ण ने देवराज इंद्र के घमंड को चूर-चूर कर दिया था और गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। कथा के अनुसार भगवान कृष्‍ण ने देवराज इंद्र के गुस्से की वजह से होने वाली भारी ब...

मिट्टी के बर्तन के फायदे

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मिट्टी के जादूगर कुमार मिट्टी को कभी धन की देवी लक्ष्मी कभी ज्ञान की देवी सरस्वती तो कभी सिद्धांदाता भगवान तो कभी दीपों का रूप देने वाले कुमार इस डिजिटल युग में पीछे क्यों छोड़ते जा रहे हैं  मिट्टी को अपनी उंगलियों से मनचाहा आकर  देने वाले कुमारों की  जिंदगी पीछे छूट रही है इसके बावजूद कि हम सभी जानते हैं कि पर्यावरण और सेहत के लिए आज से मिट्टी के बर्तन अच्छे होते हैं कुम्हारों को प्रजापति के नाम से भी जाना जाता है कहा जाता है कि भगवान प्रजापति ने ब्रह्मांड की रचना की थी वैसे तो छिटपुट तरीके से कुम्हार देशभर में रहते हैं लेकिन मुख्य तौर पर वह महाराष्ट्र हिमाचल प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड बिहार उत्तर प्रदेश राजस्थान आदि में बहु  संख्या में निवास करते हैं मिट्टी के बर्तन का इतिहास मिट्टी के बर्तन का प्रयोग ईसवी पूर्व 15000 साल पहले से किया जा रहा है तो प्राचीन काल में मिट्टी से बने बर्तनों से विभिन्न कला कर्मों के विभाजन किया जाता था शुरू से मिट्टी के बर्तन इंसान के लिए महत्वपूर्ण है इसी वजह से मिट्टी के बर्तन के विभिन्न स्वरूप को भारत भर में देखा जाता है नवपा...